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Date – Dec 5th 2024
चलिए साहब और साहिबा लोग, आज से भगवद गीता अध्ययन शुरू। मैं हिंदी में टाइप करूँगा, और बहुत संशिप्त में हर chapter की summary बताऊंगा। अगर आप में किसी को comments add करने हों, या सवाल पूछने हों तो ज़रूर respond करें।
तो भगवद गीता क्या है? क्यों प्रचलित है? पहले इस बारे में कुछ information से शुरू करते हैं।
भगवद गीता (Bhagavad Gita) एक पवित्र ग्रंथ है जो महाभारत का हिस्सा है। यह 700 श्लोकों का संग्रह है, जिसमें श्रीकृष्ण और अर्जुन के बीच का dialog (yaani conversation between 2 people) है। यह dialog उस समय हुआ जब महाभारत के युद्ध के मैदान (कुरुक्षेत्र) में, अर्जुन युद्ध करने को लेकर doubt में थे और अपने कर्तव्यों के प्रति confused थे।
btw, यह दो लोगों के dialog (यानी संवाद) का स्टाइल indian scriptures में बहुत popular है। इसी style में और भी कई scriptures लिखे गए हैं, जिनको उपनिषद कहा जाता है। भगवद गीता भी एक उपनिषद है।
भगवद गीता में जीवन, धर्म, कर्म, ज्ञान, भक्ति, और योग के विषयों पर गहन चर्चा की गई है। यह आत्मा, ब्रह्म, और मोक्ष जैसे गूढ़ विषयों पर प्रकाश डालती है। ONE line summary is – श्रीकृष्ण ने अर्जुन को अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए निष्काम (yaani non-attachment to results) भाव से कर्म करने की शिक्षा दी और जीवन में समत्व (समान भाव) बनाए रखने का उपदेश दिया।
गीता को केवल धार्मिक ग्रंथ के रूप में ही नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला और मार्गदर्शन के स्रोत के रूप में भी देखा जाता है। इसे विश्वभर में भारतीय दर्शन और संस्कृति का प्रतीक माना जाता है।
यह उपनिषद का होते हैं? कित्ते होते हैं?
उपनिषदों की कुल संख्या को लेकर विद्वानों में मतभेद है, लेकिन परंपरागत रूप से 108 उपनिषदों की सूची स्वीकार की जाती है। ये वेदों के दार्शनिक और आध्यात्मिक भाग हैं, जिन्हें वेदांत भी कहा जाता है।
भगवद् गीता के अलावा और कौन से popular यानी प्रचलित उपनिषद हैं?
10 मुख्य उपनिषदों को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है
- ईशावास्य उपनिषद
- काठ (or Katho-) उपनिषद – ismein Nachiketa waali kahaani hai
- कण उपनिषद
- मुण्डक उपनिषद
- माण्डूक्य उपनिषद
- प्रश्न उपनिषद
- तैत्तिरीय उपनिषद
- ऐतरेय उपनिषद
- छांदोग्य उपनिषद
- बृहदारण्यक उपनिषद
लेकिन यह उपनिषद क्यों पढ़ता है कोई?
इनका अध्ययन आत्मा, ब्रह्म, और मोक्ष के गूढ़ रहस्यों को समझने के लिए किया जाता है।
Other common questions people ask –
इस किताब में Total कितने chapters हैं?
Answer – 18 Chapters
To simplify, think of the Geeta as a combination of three sections of 6 chapters each. First six are about Karma Yoga, next 6 are about Bhakti Yog, and then the last 6 are about Gyaan yog (the path of knowledge). A more detailed classification of these chapters, with each chapter’s title, for the advanced students –
Karma Yog
Chapter 1 – अर्जुन विषाद योग: 47 verses
Chapter 2 – सांख्य योग: 72 verses
Chapter 3 – कर्म योग: 43 verses
Chapter 4 – ज्ञान योग: 42 verses
Chapter 5 – कर्म संन्यास योग: 29 verses
Chapter 6 – ध्याय योग: 47 verses
Bhakti Yog
Chapter 7 – ज्ञान-विज्ञान योग: 30 verses
Chapter 8 – अक्षर-ब्रह्म योग: 28 verses
Chapter 9 – राजविद्या राजगुह्य योग: 34 verses
Chapter 10 – विभूति योग: 42 verses
Chapter 11 – विश्व-रूप दर्शन योग: 55 verses
Chapter 12 – भक्ति योग: 20 verses
Gyaan Yog
Chapter 13 – क्षेत्र-क्षेत्रज्ञ विभाग योग: 35 verses
Chapter 14 – गुणत्रय विभाग योग: 27 verses
Chapter 15 – पुरुषोत्तम योग: 20 verses
Chapter 16 – दैवासुर सम्पद विभाग योग: 24 verses
Chapter 17 – श्रद्धात्रय विभाग योग: 28 verses
Chapter 18 – मोक्ष संन्यास योग: 78 verses
Another helpful detail – Chapter 2 and Chapter 18 are summaries of the whole Gita.
चलिए यह सब तो background information है। अब आप Chapter 1 से पढ़ना शुरू कीजिये ।

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